आपिये दो तरह के होते है, अल्फा आपिया और ओमेगा आपिया .दोनों में समानता यह है की दोनों ही चिकनी चुपड़ी अंग्रेजी बोलते है.
मगर ,अल्फा आपिया जो है वह उग्र,उन्मादित और उत्तेजित होता है, यह आपिया सड़क पर रायता फैलाने में और फेसबुक पर १५ लाख मिले क्या से लेकर आर एस एस को आतंकी संगठन बताने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा और क्रांति के लिए ओल्ड मोंक रम पीकर रात को सड़क पर पिटेगा।
उसके सामने हमारा ओमेगा आपिया जो है वह कम उग्र होगा,वह श्री आशुतोष जी को ट्विटर पैर फॉलो करेगा और संघी जब हावी हो जाये तब "अटलिस्ट ही इस डूइंग समथिंग" कह कर भाग जायेगा,यह आपिया ज्यादातर पोलिस की लाठियो से बच ने के लिए केंडल मार्च में दिखा जाएगा.
दोनों ही आपियो का मुख्या लक्षण दिमाग की कमी,अरविन्द जी की भक्ति और संसार में रायता फैलाना है.
दोनों ही आपियो का मुख्या लक्षण दिमाग की कमी,अरविन्द जी की भक्ति और संसार में रायता फैलाना है.
जय स्वराज,जय खुज्लिवाल.
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भाइयो हमारा प्यारा पप्पू वापिस आ गया है.अब न तो मनोरंजन कीकमी रहेगि न तो चुतियापकिकामी रहेगी.
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भाइयो हमारा प्यारा पप्पू वापिस आ गया है.अब न तो मनोरंजन कीकमी रहेगि न तो चुतियापकिकामी रहेगी.
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